Friday, April 30, 2010
दुनिया भर के मोटो के लिए चेतावनी
जो मन में आया सो खाना और एक्सरसाइज के नाम पर टालमटोल के चलते लोगों में तेजी से मोटापा बढ
़ रहा है। हालिया रिसर्च उन्हें नींद से जागकर चर्बी कम करने का एक और कारण मुहैया कराती है। इसके मुताबिक मोटापे की वजह से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मोटे लोगों को कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। आंकड़ों की बात करें तो ओवरवेट होने के बाद एक पाउंड वजन बढ़ने से सात तरह के कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। यानी हर पाउंड कैंसर के और करीब लेकर आता है। इसके साथ ही सेहत का पुराना फॉर्म्युला भी काम करता है कि वजन घटाने से तमाम बीमारियों के साथ कैंसर की आशंका भी कम हो जाती है।
ज्यादातर लोग मोटापे को ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और हार्ट अटैक से जोड़ते हैं, लेकिन इसके कैंसर से संबंध के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। मोटापे के कारण सबसे ज्यादा ब्रेस्ट और कोलन कैंसर होने की आशंका रहती है। इसके अलावा पैनेक्रिएटिक या ओएसोफैगस कैंसर भी हो सकता है। बुरी खबर यह है कि इन दोनों कैंसर में बचने की संभावना बहुत कम होती है।
कैंसर रिसर्च से जुड़े साइंटिस्ट एड योंग के मुताबिक मोटापे के चलते कैंसर की बढ़ती आशंका, तुरंत ध्यान दिए जाने लायक इशू है। शरीर के वजन पर नियंत्रण रखना स्मोकिंग न करने के अलावा एक और महत्वपूर्ण कारक है, जिसके जरिए कैंसर से बचा जा सकता है।
रिसर्चरों ने ताजा निष्कर्ष मोटापा, वजन बढ़ने और घटने की बीमारियों से जुडे़ दुनिया भर से जुटाए गए आंकड़ों की अनैलिसिस कर दिए हैं। इससे पता चला कि कैंसर रेट और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में बढ़ोतरी के बीच स्पष्ट तौर पर संबंध है। इस इंडेक्स का इस्तेमाल मोटापे की जांच करने के लिए किया जाता है। किसी भी इंसान के वजन (किलोग्राम) को उसकी मीटर में ऊंचाई से भाग देकर बीएमआई पता किया जा सकता है।
अगर महिलाओं की बात करें तो मैनोपॉज के बाद ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ाने की एक बड़ी वजह मोटापा ही होता है। स्टडी में साफ संकेत मिले हैं कि इस अवस्था में हर पांच किलोग्राम वजन बढ़ने पर कैंसर की आशंका पांच फीसदी बढ़ जाती है।(स्रोत:नवभारत टाइम्स)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
ओह! इत्ता मोटापा!
ReplyDelete