Monday, October 8, 2012

मात्र दो रुपये में मधुमेह की जांच


रक्त में सुगर की मात्रा की जांच में अब मात्र एक मिनट का वक्त और दो रुपए खर्च होंगे। जी हां इतना ही नहीं सुगर नापने वाली मशीन से लिए गए खून की अपेक्षा 1,000 गुना कम खून में ही यह जांच संभव हो पाएगी। भारत में मधुमेह से पीड़ित करीब छह करोड़ लोगों के लिए यह एक वरदान साबित होगा। भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक मधुमेह से पीड़ित लोगों को निरंतर अपने रक्त में मौजूद सुगर की मात्रा नापनी होती है। इस नवीन विकसित यन्त्र की उपयोगिता को सही बताते हुए वैज्ञानिकों ने यह दावा किया कि कम पैसे में होनी वाली यह जांच सटीक परिणाम देने में कारगर है। इस उपकरण का विकास बिट्स पिलानी के वैज्ञानिकों ने किया है और इस उपकरण को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( Indian Council of Medical Research) के द्वारा भी मान्यता दे दी गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा की गई जांच का प्रतिनिधित्व संस्थान के महानिदेशक ने कहा कि जांच में यह उपकरण सही परिणाम देने में कारगर साबित हुआ है। यह ग्लूकोज उपकरण बाजार में दिसम्बर महीने तक उपलब्ध हो पाएगा। बाजार में आने से पहले इस उपकरण को अलग -अलग जांच से गुजरना होगा। इसकी जांच कई लैब और चिकत्सालय में की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय लंबे समय से मायावी 5 रुपए वाली मधुमेह परीक्षण चिप के विकास का वादा कर रही है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस जांच में और भी कम खर्च होंगे। इस उपकरण को बनाने वाली टीम इस उपकरण के पेटेंट के लिए आवेदन कर रहा है।
इस ​​उपकरण के प्रमुख निर्माता सुमन कपूर ने कहा कि परीक्षण और परिणाम में कम से कम 10 सेकंड का समय लगेगा। उंगली चुभन से पूरी प्रक्रिया परिणाम के लिए खून का नमूना लोड करने के लिए एक मिनट तक लग सकते हैं । पूर के मुताबिक यह उपकरण ग्लूकोमीटर की तरह ही उपयोगी है, लेकिन इसकी तकनीक उससे अलग है। हाल ही में जारी लैंसेट पत्रिका के एक शोध पर यकीन करें तो पिछले तीन दशकों में दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। (साभार:अमर उजाला)

पांच बूंदे बचायेंगी डेंगू से...


देश में डेंगू के मामले बढ़ने के साथ ही इससे जुडी दवाओं की जरुरत बढ़ती जा रही है .ऐसे में होम्योपैथ की इप्यूटोरियम परसूरेटमदवा लोगों के लिए रामबाण साबित हो रही है। इसकी पांच बूंदे लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देती हैं, जिससे डेंगू होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। यह पांच बूंदे तीन महीने के लिए काम करेंगी, जिसके बाद लोग फिर से दवा ले सकते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक प्रिवेंटिव डोज डेंगू से 90 फीसदी तक बचाव करती है।  दवा पीने के साथ ही लोगों को डेंगू के पनपने और उससे बचाव के प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक डाक्टर की सलाह पर ही प्रिवेंटिव डोज ले सकते हैं। डाक्टर डेंगू और मलेरिया के पर्याप्त लक्षण देखने के बाद अपने मुताबिक डोज देगा।
ऐसे करें बचाव
-जितना हो तरल पदार्थ पीएं
-मसालेदार खाने से बनाएं दूरी
-हाइजीन का ख्याल रखें
-हल्के बुखार में भी डाक्टर की सलाह लें
-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें(साभार:अमर उजाला)

Monday, September 12, 2011

बस पांच पत्ते और रोगों के दांत हो जाए खट्टे

जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियां खा लेते हैं वह अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहते हैं। इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी,बुखार, मलेरिया, कालाजार, जुकाम या काफ, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, दमा, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, कब्ज, गैस, मन्दाग्नि,गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी खून की कमी,दांतों का रोग, सफ़ेद दाग तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते है।
                    सिर, गले, नाक का दर्द, आंख के रोग, सूजन, खुजली, अजीर्ण, उलटी , हृदयरोग, कृमि, फोड़े, मुहांसे, जलन , बालतोड़, लू लगना, स्नायूपीड़ा, स्वप्नदोष, मूर्छा, विष आदि तथा स्त्रियों और बच्चों के सामान्य रोगों के लिए चिकित्सा स्वयं ही की जा सकती है। तुलसी स्वाईन फ्लू को दूर रखने के लिए उपयोगी है। तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता तीव्रता से बढ़ती है और खाली पेट बीस-पच्चिश तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्वाईन फ्लू से बचा जा सकता है। तुलसी दमा टी.बी .में गुणकारी हैं।(भास्कर डाट कॉम)