रक्त में सुगर की मात्रा की जांच में अब मात्र एक मिनट का वक्त और दो रुपए
खर्च होंगे। जी हां इतना ही नहीं सुगर नापने वाली मशीन से लिए गए खून की अपेक्षा 1,000 गुना
कम खून में ही यह जांच संभव हो पाएगी। भारत में मधुमेह से पीड़ित करीब छह करोड़
लोगों के लिए यह एक वरदान साबित होगा। भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक मधुमेह से पीड़ित लोगों को निरंतर अपने रक्त में
मौजूद सुगर की मात्रा नापनी होती है। इस नवीन विकसित यन्त्र की उपयोगिता को सही
बताते हुए वैज्ञानिकों ने यह दावा किया कि कम पैसे में होनी वाली यह जांच सटीक
परिणाम देने में कारगर है। इस उपकरण का विकास बिट्स पिलानी के वैज्ञानिकों ने किया
है और इस उपकरण को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( Indian Council of Medical Research) के द्वारा भी मान्यता दे दी गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा की गई जांच का प्रतिनिधित्व संस्थान के महानिदेशक ने कहा कि जांच में यह उपकरण सही परिणाम देने में कारगर साबित हुआ है। यह ग्लूकोज उपकरण बाजार में दिसम्बर महीने तक उपलब्ध हो पाएगा। बाजार में आने से पहले इस उपकरण को अलग -अलग जांच से गुजरना होगा। इसकी जांच कई लैब और चिकत्सालय में की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय लंबे समय से मायावी 5 रुपए वाली मधुमेह परीक्षण चिप के विकास का वादा कर रही है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस जांच में और भी कम खर्च होंगे। इस उपकरण को बनाने वाली टीम इस उपकरण के पेटेंट के लिए आवेदन कर रहा है।
इस उपकरण के प्रमुख निर्माता सुमन कपूर ने कहा कि परीक्षण और परिणाम में कम से कम 10 सेकंड का समय लगेगा। उंगली चुभन से पूरी प्रक्रिया परिणाम के लिए खून का नमूना लोड करने के लिए एक मिनट तक लग सकते हैं । पूर के मुताबिक यह उपकरण ग्लूकोमीटर की तरह ही उपयोगी है, लेकिन इसकी तकनीक उससे अलग है। हाल ही में जारी लैंसेट पत्रिका के एक शोध पर यकीन करें तो पिछले तीन दशकों में दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। (साभार:अमर उजाला)
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा की गई जांच का प्रतिनिधित्व संस्थान के महानिदेशक ने कहा कि जांच में यह उपकरण सही परिणाम देने में कारगर साबित हुआ है। यह ग्लूकोज उपकरण बाजार में दिसम्बर महीने तक उपलब्ध हो पाएगा। बाजार में आने से पहले इस उपकरण को अलग -अलग जांच से गुजरना होगा। इसकी जांच कई लैब और चिकत्सालय में की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय लंबे समय से मायावी 5 रुपए वाली मधुमेह परीक्षण चिप के विकास का वादा कर रही है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस जांच में और भी कम खर्च होंगे। इस उपकरण को बनाने वाली टीम इस उपकरण के पेटेंट के लिए आवेदन कर रहा है।
इस उपकरण के प्रमुख निर्माता सुमन कपूर ने कहा कि परीक्षण और परिणाम में कम से कम 10 सेकंड का समय लगेगा। उंगली चुभन से पूरी प्रक्रिया परिणाम के लिए खून का नमूना लोड करने के लिए एक मिनट तक लग सकते हैं । पूर के मुताबिक यह उपकरण ग्लूकोमीटर की तरह ही उपयोगी है, लेकिन इसकी तकनीक उससे अलग है। हाल ही में जारी लैंसेट पत्रिका के एक शोध पर यकीन करें तो पिछले तीन दशकों में दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। (साभार:अमर उजाला)